Russia-Ukraine War : यूक्रेन का 5500KM अंदर रूस पर हमला-ऑपरेशन स्पाइडरवेब से पुतिन को अरबों डॉलर का नुकसान
Russia-Ukraine War –यूक्रेन ने रूस की सीमा के 5500KM अंदर मौजूद एयरबेसों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। जानिए कैसे हुआ ऑपरेशन स्पाइडरवेब, कौन-कौन से एयरबेस तबाह हुए और पुतिन को कितना नुकसान हुआ।
रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत 2022 में हुई थी इस संघर्ष को लगभग 3 साल होने को है, लेकिन 2025 में इस युद्ध ने एक नया मोड़ लिया। 1 जून 2025 को यूक्रेन ने रूस के अंदर 5500 किलोमीटर दूर तक 117 से ज्यादा ड्रोन से हमला कर लगभग 41 रूसी सैन्य विमानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हमले को “ऑपरेशन स्पाइडरवेब” नाम दिया गया है। यह एक गुप्त और अति-सटीक ड्रोन हमला था जिसने रूस की सैन्य ताकत को गहराई से चोट पहुंचाई।
ऑपरेशन स्पाइडरवेब (Operation Spiderweb) एक झलक
रिपोर्ट्स में दावा किया गया की ऑपरेशन स्पाइडरवेब की तैयारी यूक्रेनी सुरक्षा एजेंसी SBU (Security Service of Ukraine) ने करीब 18 महीने पहले शुरू की थी। इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी विशेषता थी इतने सारे ड्रोन को गुप्त रूप से रूस के भीतर पहुंचाना। ड्रोन को ट्रकों में छिपाकर रूस के भीतर भेजा गया। इन्हें लकड़ी के शेड्स के अंदर छुपाया गया, ताकि किसी को शक न हो। इन्हें आम रूसी नागरिक ड्राइवरों द्वारा पहुंचाया गया, जिन्हें असल योजना की भनक भी नहीं थी।
कौन-कौन से मुख्य एयरबेस हुए निशाना?
इस हमले में यूक्रेन ने रूस के पांच बड़े और सबसे मुख्य एयरबेसों को निशाना बनाया:
एयरबेस | क्षेत्र | यूक्रेन सीमा से दूरी (किमी) |
ड्यागिलेवो एयरबेस | रायाजन (Ryazan) | 700 |
इवानोवो एयरबेस | इवानोवो (Central Russia) | 900 |
ओलेन्या एयरबेस | मुरमांस्क (Murmansk) | 2000 |
बेलाया एयरबेस | इरकुत्स्क (Siberia) | 4300 |
यूक्रेन्का एयरबेस | अमूर (Far East Russia) | 5500 |
यह सभी एयरबेस रूस के रणनीतिक बमवर्षकों और लंबी दूरी के क्रूज़ मिसाइल हमलों का केंद्र रहे हैं।

ड्रोन हमला कैसे हुआ?
यूक्रेन द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन स्पाइडरवेब ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया यह दुनिया का सबसे बड़ा और चौंकाने वाले गुप्त हमलों में गिना जा रहा है।
- ड्रोन में सिंक क्रोनाइज टाइमर सेट किया गया और रिमोट कंट्रोल तकनीक का इस्तेमाल किया गया।
- एक साथ एक समय पर सभी एयरबेसों पर ड्रोन हमला शुरू किया गया जिससे रूसी डिफेंस सिस्टम को सँभालने का कोई मौका नहीं मिला।
- यह ड्रोन हमला सीधी विमानों के ईंधन टैंक, रडार व संचार उपकरण, हैंगर और रनवे को निशाना बनाया गया।
- इनमे से कई ड्रोन में एंटी-रेडार तकनीक का इस्तेमाल किया गया जिससे वो रूसी डिटेक्शन सिस्टम के रेडार से बच गए।
- ड्रोन में AI सिस्टम का उपयोग किया गया जो उन्हें सटीक टारगेट पहचानने में सक्षम बनाता था।

ऑपरेशन स्पाइडरवेब का परिणाम:
इस हमले से रूस को रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से भारी क्षति हुई है
सैन्य नुकसान देखे तो करीब 41 रूसी सैन्य विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त। जिनमे Tu-95 और Tu-22M3 बमवर्षक विमान, A-50 रडार कंट्रोल विमान के क्षतिग्रस्त होने से रूस की लॉन्ग रेंज हमले की क्षमता पर गंभीर असर पड़ा है। आर्थिक नुकसान की दृष्टि से, रूस को लगभग $7 बिलियन (₹58,000 करोड़) का नुकसान हुआ है । मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक असर की बात करे तो रूस के सैन्य श्रेष्ठता पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। रूस की जनता और सेना में असुरक्षा और भ्रम की स्थिति बन गयी है ।
यूक्रेन की छवि और मनोबल में बढ़ोतरी:
यह हमला यूक्रेन की ओर से एक मजबूत जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा गया।
दुनिया भर में यूक्रेन की रणनीतिक क्षमता और ड्रोन टेक्नोलॉजी की प्रशंसा हुई।
ज़ेलेंस्की सरकार को आंतरिक समर्थन और अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति प्राप्त हुई।

निष्कर्ष: ऑपरेशन स्पाइडरवेब एक ऐसा हमला था जिसमें योजना, गुप्त रणनीति, तकनीकी कौशल और सटीकता का अद्भुत मेल था, इस हमले ने ना सिर्फ रूस को सामरिक रूप से झटका दिया, बल्कि पूरे युद्ध की दिशा को एक नई दिशा में मोड़ दिया है। इस हमले से रूस को रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से भारी क्षति हुई है जबकि यूक्रेन की छवि और मनोबल में बढ़ोतरी के साथ ज़ेलेंस्की सरकार को आंतरिक समर्थन और अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति प्राप्त हुई। जबकि पुतिन सरकार की रणनीति पर विपक्ष और मीडिया ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
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