Operation Sindoor: आतंक के खिलाफ सर्जिकल प्रहार का खुलासा – जानिए क्या है “ऑपरेशन सिंदूर”
Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा 6 मई 2025 को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के नौ आतंकी ठिकानों पर की गई एक सैन्य कार्रवाई थी। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध स्वरूप किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी जिसमे एक विदेशी नागरिक की भी मौत हो गयी थी ।
ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख बातें:
भारत की तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई: 1971 के बाद पहली बार भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने एक साथ मिलकर पाकिस्तान के भीतर तक जा कर (operation Sindoor ) हमला किया और बता दिया की आतंकवाद पर अब कोई समझौता नहीं होगा। इसमें बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट, मुज़फ़्फराबाद जैसे आतंकी ठिकानो को निशाना बनाया गया।
भारतीय वायुसेना ने राफेल विमानों से SCALP क्रूज़ मिसाइल और हैमर बम का उपयोग करते हुए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख ट्रेनिंग कैंपो और बेस को नष्ट किया। इसमें मसूद अजहर के लगभग 14 करीबी रिश्तेदार और शीर्ष आतंकियों की मौत हुई। ऑपरेशन सिंदूर में लगभग 100 से अधिक आतंकियों का खात्मा किया गया।
तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई — भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने एक साथ समन्वयित रूप से ऑपरेशन सिन्दूर को अंजाम दिया। “ऑपरेशन सिंदूर” में यह ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार हुआ।
ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं की भूमिका:
भारतीय वायु सेना (IAF):
राफेल और सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों का प्रयोग किया गया।
SCALP और हैमर जैसी आधुनिक क्रूज़ मिसाइलों का इस्तेमाल कर आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाया।
पाकिस्तान की एयर डिफेंस को चकमा देते हुए आतंकी कैंपो को निशाना बनाया गया।
भारतीय थल सेना (Army):
नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मिसाइल और तोपों से पाकिस्तान को जवाब दिया।
LoC पर आतंकियों के लॉन्च पैड्स को टारगेट किया।
संभावित किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए सेना हाई अलर्ट पर रही और सभी का मुकाबला किया।
भारतीय नौसेना (Navy):
अरब सागर में पाकिस्तानी नौसेना की गतिविधियों पर नजर रखी।
सतह और पानी के नीचे से निगरानी के लिए पनडुब्बियों और युद्धपोतों को तैनात किया गया। जिसमे आईएनएस (INS) पर लड़ाकू विमान तैयार थे।
पाकिस्तान के समुद्री रास्तों पर दबाव बनाया गया ताकि वह मोर्चे पर एक और विकल्प न खोल सके।
ऑपरेशन सिन्दूर में निशाना बनाए गए प्रमुख आतंकी ठिकाने:
भारतीय सेना (Indian Army) ने जिन ठिकानों को निशाना बनाया, वे मुख्यतः लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे इन आतंकी ठिकानो को भारत की खुफिया एजेंसी RAW (Research and Analysis Wing) ने सुनिश्चित किया था।
बहावलपुर (Bahawalpur) – जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्यालय, जहां मसूद अजहर के करीबी सहयोगी और परिवार के सदस्य मारे गए।
मुरीदके (Muridke) – लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का प्रमुख ट्रेनिंग कैंप , जिसे “मारकज़-ए-तैयबा” के नाम से जाना जाता है।
सियालकोट (Sialkot) – आतंकी लॉजिस्टिक्स और घुसपैठ के लिए महत्वपूर्ण केंद्र। सीमा के पास आतंकी लॉन्च पैड्स और हथियार, रशद सामग्री भंडारण केंद्र। सियालकोट आतंकवाद के नेटवर्क का एक अहम हिस्सा है।
मुज़फ़्फराबाद (Muzaffarabad) – PoK में स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) के प्रशिक्षण शिविर। मानव बम बनाने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
कोटली (Kotli) – हिजबुल मुजाहिदीन (HM) के सक्रिय शिविर, जो नियंत्रण रेखा (LoC) के पास स्थित हैं।
भिंबर (Bhimber) – आतंकी घुसपैठ के लिए लॉन्च पैड के रूप में उपयोग किया जाता है।
तेहरा कलां (Tehra Kalan) – जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रशिक्षण और हथियार भंडारण का केंद्र।
गुलपुर (Gulpur) – PoK में स्थित एक और महत्वपूर्ण आतंकी प्रशिक्षण शिविर।
बाग़ (Bagh) – आतंकी संगठनों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र।
RAW की भूमिका:
इस ऑपरेशन में भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी RAW का भी अहम् भूमिका रहा जिससे ये एक सफल अभियान रहा।
RAW ने पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों की सटीक लोकेशन, उनकी गतिविधियाँ, वहां मौजूद आतंकियों की संख्या, हथियार भंडारण आदि का विस्तृत डोज़ियर तैयार किया।
इसमें मानव स्रोत (HUMINT) और सैटेलाइट निगरानी (IMINT) दोनों का इस्तेमाल हुआ।
लक्ष्य चयन में सहायता (Target Selection)
RAW ने भारतीय सेना को सटीक निशानों की पहचान करवाई: जैसे बहावलपुर (JeM HQ), मुरीदके (LeT HQ), और मुज़फ़्फराबाद में ट्रेनिंग कैंप।
घटना से पहले चेतावनी (Pre-attack Intel)
पहलगाम आतंकी हमले के बाद RAW ने हमले से जुड़े आतंकी नेटवर्क और उनके समर्थन स्रोतों को ट्रैक किया, जिससे जवाबी कार्रवाई की रणनीति बनाई जा सकी।
ऑन-ग्राउंड नेटवर्क
PoK और पाकिस्तान के भीतर RAW के गुप्त एजेंटों (deep cover assets) ने यह सुनिश्चित किया कि ठिकानों पर आतंकी सक्रिय हैं और हमले का समय उपयुक्त है।
मीडिया और साइबर निगरानी
RAW ने हमलों के बाद पाकिस्तानी सोशल मीडिया, रेडियो संचार और इंटरनेट ट्रैफिक को ट्रैक किया जिससे नुकसान की पुष्टि की जा सके।
“ऑपरेशन सिंदूर” में प्रमुख भूमिका निभाने वाली दो महिला अधिकारी हैं:
विंग कमांडर व्योमिका सिंह (भारतीय वायुसेना)
पद: भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर पायलट
परिवार: व्योमिका सिंह अपने परिवार में सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली सदस्य हैं। उनके पिता, श्री आर.एस. निम, वनस्पति विज्ञान के शिक्षक थे, और माता, श्रीमती करुणा सिंह, एक शिक्षिका थीं। उनकी दो बहनें हैं: बड़ी बहन, भूमिका सिंह, यूके में वैज्ञानिक हैं, और छोटी बहन, निर्मलिका सिंह।
शिक्षा: उन्होंने नई दिल्ली के सेंट एलोशियस स्कूल में पढ़ाई की।
विवाह: व्योमिका सिंह की शादी भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी से हुई है।
शिक्षा: उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और भारतीय वायुसेना अकादमी, डुंडीगल, हैदराबाद से प्रशिक्षण पूरा किया।
एनसीसी अनुभव: विद्यालय और कॉलेज के वर्षों में उन्होंने राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) में भाग लिया, जिससे उनके सैन्य करियर की नींव रखी गई।
सैन्य करियर अनुभव :
कमीशनिंग: 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त किया।
उड़ान अनुभव: उन्होंने चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों पर 2,500 से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए हैं, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के कठिन इलाकों में।
प्रमुख मिशन: 2020 में अरुणाचल प्रदेश में एक बचाव मिशन का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने दूरदराज के क्षेत्रों में हवाई सहायता प्रदान की।
स्थायी कमीशन: 18 दिसंबर 2019 को उन्हें फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन प्राप्त हुआ, जिससे उन्हें दीर्घकालिक सेवा का अवसर मिला।
माउंट मणिरंग अभियान ?
2021 में, उन्होंने आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित एक त्रि-सेवा महिला पर्वतारोहण अभियान में भाग लिया, जिसका लक्ष्य हिमाचल प्रदेश के माउंट मणिरंग (21,625 फीट) की चढ़ाई करना था। यह अभियान भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें 15 महिला पर्वतारोहियों की टीम शामिल थी।
प्रमुख योगदान:
जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में निगरानी, सैनिक परिवहन और बचाव अभियानों का संचालन
2021 में माउंट मणिरंग (21,625 फीट) पर त्रि-सेवा महिला पर्वतारोहण अभियान में भागीदारी
कर्नल सोफिया कुरैशी (भारतीय सेना)
शिक्षा: उन्होंने लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से
जन्म: 18 अप्रैल 1981, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
परिवारिक पृष्ठभूमि: उनके पिता, मोहम्मद कुरैशी, एक सिविल इंजीनियर थे, और माता, अमीना कुरैशी, गणित की प्रोफेसर थीं। उनके दादा और परदादा भी भारतीय सेना में सेवा कर चुके हैं, जिससे उनका सैन्य पृष्ठभूमि से गहरा संबंध है।
विवाह: उनकी शादी कर्नल ताजुद्दीन बगेवाड़ी से हुई है, जो भारतीय सेना की मेकेनाइज्ड इन्फैंट्री में अधिकारी हैं।
पद: भारतीय सेना की सिग्नल कोर में कर्नल। विशेषज्ञता संचार, साइबर युद्ध और रणनीतिक संचालन में है, और इन्होने भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सेवा अनुभव: 1994 में कमीशन प्राप्त किया; साइबर युद्ध और सैन्य संचार में विशेषज्ञता
सैन्य करियर:
कमीशनिंग: 1994 में भारतीय सेना की सिग्नल कोर में कमीशन प्राप्त किया।
प्रारंभिक सेवा: जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय भागीदारी।
तकनीकी योगदान: 2001 में सेना के पहले मोबाइल डिजिटल संचार नेटवर्क के विकास में योगदान दिया।
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन: 2016 में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (MONUSCO, कांगो) में 500 भारतीय सैनिकों का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी
भारतीय सेना के साइबर डिफेंस कमांड की स्थापना और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका
पुरस्कार और सम्मान
विशिष्ट सेवा पदक (2019)
संयुक्त राष्ट्र शांति सेवा पदक (2017)
सेना पदक (2025)
मुख्य सेना अधिकारी प्रशंसा (2010)
पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ की प्रशंसा (2003)
“आयरन लेडी” की उपाधि:
कर्नल सोफिया कुरैशी ने साइबर युद्ध और संचार में विशेषज्ञता के साथ ऑपरेशन की सफलता सुनिश्चित की, जबकि विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने वायुसेना की रणनीति और निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनके योगदान को देखते हुए, मीडिया और रक्षा विश्लेषकों ने इन्हें “आयरन लेडीज़” की उपाधि दी है।
प्रमुख आतंकी कमांडर का खात्मा – ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी सफलता:
भारतीय सेना द्वारा 7 मई 2025 को अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित आतंकी ठिकाने पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ असहर मारा गया।
कौन था अब्दुल रऊफ असहर?
- जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर का भाई
- IC-814 विमान अपहरण (1999) का मास्टरमाइंड
- अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या से जुड़ा
- अमेरिका द्वारा घोषित वैश्विक आतंकवादी
- कश्मीर और अफगानिस्तान में कई आतंकी हमलों की योजना और संचालन में भूमिका।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की झुंझुलाहट और राजनितिक दबाव और जैसा की पाकिस्तान में सरकार सेना के दबाव में काम करती है उसी का असर साफ देखने को मिला।
आधिकारिक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भारतीय हमलों को “कायराना हमला” करार देते हुए कहा कि यह नागरिकों पर हमला है और पाकिस्तान इसका जवाब “समय और स्थान” तय करके देगा।
राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने इन हमलों को “युद्ध की कार्यवाही” बताते हुए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की।
पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उन्होंने 12 भारतीय ड्रोन मार गिराए और 25 इज़राइली निर्मित हारोप ड्रोन को भी निशाना बनाया।
सैन्य प्रतिक्रिया
ड्रोन और मिसाइल हमले: पाकिस्तान ने भारतीय शहरों, विशेषकर अमृतसर, पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारत ने अपने S-400 मिसाइल सिस्टम से नाकाम किया।
आर्टिलरी गोलाबारी: पाकिस्तान ने पुंछ जिले में भारतीय सैन्य ठिकानों पर भारी गोलाबारी की, जिसमें लगभग 25 नागरिक मारे गए और सैन्य कर्मी हताहत हुए।
कूटनीतिक कदम
वायु क्षेत्र बंद: पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना वायु क्षेत्र 48 घंटे के लिए बंद कर दिया।
राजनयिक संबंधों में कटौती: पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया और भारत से अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया।
सिंधु जल संधि: पाकिस्तान ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के कदम को “गंभीर और अनुचित” बताया।
जन प्रतिक्रिया
प्रदर्शन: पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में भारत विरोधी प्रदर्शन हुए, जिनमें लाहौर, इस्लामाबाद और मुज़फ़्फराबाद प्रमुख थे।
मीडिया कवरेज: पाकिस्तानी मीडिया ने भारतीय हमलों को “आक्रामकता” और “नागरिकों पर हमला” के रूप में प्रस्तुत किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राज्य अमेरिका ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम कराने में मध्यस्थता की बात कही ।
संयुक्त राष्ट्र ने स्थिति पर चिंता व्यक्त की और दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन: अमेरिका, इज़राइल, फ्रांस और जापान ने इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए भारत के आतंकवाद के खिलाफ सशक्त रुख की सराहना की और इसे वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश बताया। अब्दुल रऊफ असहर का खात्मा भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह कार्रवाई न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : आप सभी को Shrishayonline के माध्यम से शिक्षा, नई योजना, नई सरकारी भर्ती, नई गवर्नमेंट जॉब भर्ती, नई प्राइवेट जॉब भर्ती, बिजनेस आइडिया, नॉलेज टिप्स, और ताजा समाचार, पढ़ने को मिलते रहेंगे। Shrishayonline कोई सरकारी वेबसाइट नहीं है, और न ही किसी सरकारी मंत्रालय या विभाग से संबंध है। यह एक स्वतन्त्र सूचनात्मक वेबसाइट है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं, सरकारी नौकरी व अन्य कोई अपडेट के बारे में सही और सटीक सूचनाओं को प्रदान करना है। हम पूरा प्रयास कर रहे है की आपको हर आर्टिकल में सटीक और प्रामाणिक जानकारी मिले, लेकिन इसके बावजूद त्रुटियों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए अंतिम निर्णय लेने से पहले आधिकारिक वेबसाइट / नोटिफिकेशन को जरूर पढ़ें, यदि आपको हमारे किसी लेख में कोई त्रुटि दिखे, तो सुझाव हेतु हमें सूचित जरूर करें आपका आभारी रहूंगा।
The website design looks great—clean, user-friendly, and visually appealing! It definitely has the potential to attract more visitors. Maybe adding even more engaging content (like interactive posts, videos, or expert insights) could take it to the next level. Keep up the good work!