
जनपद गोंडा : योगी सरकार वनटांगिया समुदाय के उत्थान के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में योगी सरकार ने वनटांगिया ग्रामों में स्कूलों खोलने की स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने छपिया के ग्राम पंचायत महुलीखोरी के वन ग्राम बुटहनी और नवाबगंज के ग्राम हरदवा के वनग्राम महेशपुर में विद्यालय स्थापित करने की मंजूरी दे दी है।
100 साल बाद बदली जिंदगी
योगी सरकार ने प्रत्येक स्कूल के निर्माण के लिए 29.45 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया है। जिले की नई जिलाधिकारी नेहा शर्मा के पहल पर वनटांगिया गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ा जा रहा है. जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बीती जून 2023 को जिले की कमान संभालने के बाद 16 जून को तहसील तरबगंज विकासखंड नवाबगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत हरदवा के वनटांगिया गांव रामगढ़ का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने ग्रामवासियों एवं वहां की महिलाओं से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली. इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा रास्ता एवं स्कूल की समस्या के संबंध में अवगत कराया गया. इस पर जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को त्वरित निस्तारण के निर्देश जारी किए गए.
उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी दी गई है। प्रशासन की इस सकारात्मक पहल से अब वनटांगिया ग्रामों के बच्चों को अपने ही गांव में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। योगी सरकार का यह कदम शिक्षा के प्रचार-प्रसार में एक ऐतिहासिक निर्णय साबित होगा।
वनटांगिया गांव की कहानी ब्रिटिश काल से जुड़ी हुई है.
जानकारों के मुताबिक, वनटांगिया गांव की कहानी ब्रिटिश काल से जुड़ी हुई है. ब्रिटिश हुकूमत यहां पर रेल पटरी बिछाने के लिए साखू के पेड़ों की कटनी कर रही थी. इसके बाद जंगल में साखू के पेड़ों को फिर से तैयार करने और उनकी देखरेख के लिए 1918 में गरीब भूमिहीन मजदूरों को जंगल में बसाने का काम किया. इस दौरान 5 बस्तियां बसी थीं, जिसमें जंगल तिकोनिया नंबर 3, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी और चिलबिलवा है. इन लोगों को जंगल में पेड़ की देखरेख और काम करने की जिम्मेदारी दी गई. यह लोग वर्मा देश के ‘टांगिया विधि’ का इस्तेमाल किया करते थे, इसलिए वन में रह कर काम करने वाले इन लोगों को वनटांगिया कहा गया. इन्हीं के नाम पर यह गांव बसे हैं. वहीं, गोरखपुर महाराजगंज में लगभग 23 वनटांगिया गांव मौजूद हैं.
वनटांगिया गांव और योगी का पुराना सम्बन्ध
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2009 से हर साल वनटांगिया गांव के लोगों के साथ दिवाली मनाते हैं. वनटांगिया गांव के लोग उनको अपना ‘राम’ मानते हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साल 2009 से कुसमी जंगल स्थिति वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर 3 के गांव में दिवाली मनाते हैं. यहां के लोग भी हर साल दिवाली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भगवान प्रभु राम की तरह इंतजार करते हैं. इस गांव के हर घर में दीपावली के दिन एक दीपक योगी बाबा के नाम से जलाए जाते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने बतौर सांसद रहते हुए भी इन गांवों के लोगों के लिए लड़ाई लड़ी थी. जब वन विभाग इन जंगलों को उजाड़ रहा था, तब भी बतौर सांसद योगी
वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर मुख्यधारा से जोड़ा
आदित्यनाथ ने गांव का साथ देकर इनको यहां बसाया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मई 2018 में गोण्डा के वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर मुख्यधारा से जोड़ा. इससे वन क्षेत्रों में बसे इन वन ग्रामों के निवासियों को सड़क, राशन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित करने की प्रक्रिया शुरू हो सकी. जलौनी लकड़ी बेचकर पेट पालने वाले वनटंगियों के परिवार को आजादी के बाद पहली बार वोट का हक मिला.
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